एक कुएं में बहुत समय से एक मेंढक रहता था। वह वहीं पैदा हुआ था और वहीं उसका पालन-पोषण हुआ। एक दिन एक दूसरा मेंढक, जो समुद्र में रहता था, वहां आया और कुएं में गिर पड़ा।
कुएं के मेंढक ने पूछा- ‘तुम कहां से आए हो?’ इस पर समुद्र से आया मेंढक बोला- मैं समुद्र से आया हूं। समुद्र! भला वह कितना बड़ा है? क्या वह भी इतना ही बड़ा है, जितना मेरा यह कुआं? और यह कहते हुए उसने कुएं में एक किनारे से दूसरे किनारे तक छलांग मारी।
समुद्र वाले मेंढक ने कहा- मेरे मित्र! भला, समुद्र की तुलना इस छोटे से कुएं से किस प्रकार कर सकते हो?
तब उस कुएं वाले मेंढक ने दूसरी छलांग मारी और पूछा- तो क्या तुम्हारा समुद्र इतना बड़ा है?
समुद्र वाले मेंढक ने कहा- तुम कैसी बेवकूफी की बात कर रहे हो! समुद्र की तुलना तुम्हारे कुएं से कैसे हो सकती हैं? अब तो कुएं वाले मेंढक ने कहा- ‘जा… जा! मेरे कुएं से बढ़कर और कुछ हो ही नहीं सकता। संसार में इससे बड़ा और कुछ नहीं है!
No responses yet